रविवार

मंदिर वहीं बनाएँगे

केंद्र में बीजेपी की सरकार के आते ही सभी राम भक्तों की सोई हुई उम्मीदें फिर से जागृत हो उठीं कि अब उन्हें उनके प्रिय श्रीराम लला के भव्य मंदिर से वंचित नही रहना पड़ेगा, उनके राम लला को अब तंबू में नहीं रहना पड़ेगा....कितने दुर्भाग्य की बात है कि हिंदू राष्ट्र हिंदुस्तान में ही हिंदुओं के आराध्य को भी अपने जन्म-स्थान की भूमि के लिए लड़ना पड़ रहा है....हिंदू भाई-बहनों! फिर अगर तुम्हें संघर्ष करना पड़े तो इसमें आश्चर्य की क्या बात ?
बहुत से हिंदू वर्ग ने तो बीजेपी को वोट भी इसी आधार पर दिया होगा ताकि उनके राम लला का मंदिर जल्द निर्मित हो....अाशा करना गलत नही परंतु जल्दबाजी अवश्य गलत होती है, जो बीजेपी सपोर्टर मोदी जी की तारीफ करते नहीं थकते वही जब मंदिर की बात आती है तो उनके खिलाफ हो जाते हैं...मैं समझती हूँ कि सोच-समझ कर सही समय पर लिया गया निर्णय ही सही हो सकता है, हमारा लक्ष्य चिड़िया की आँख है तो हम सिर्फ उस आँख को देख रहे हैं, परंतु जिसका लक्ष्य पूरी चिड़िया को पकड़ने की हो वो भी जीवित उसे तो हर संभव प्रयास करना होगा कि चिड़िया न ही उड़े न ही जख्मी हो और लक्ष्य भी पूरा हो...हम राम भक्तों को धैर्य से काम लेना चाहिए कम से कम सरकार को मजबूती से पैर तो जमा लेने दो, यदि आज जबरन मंदिर निर्माण कराया जाता है तो कुछ नही बल्कि बहुत सी राजनीतिक पार्टियाँ ही ऐसी हैं जो मुस्लिम वोटों के लिए इसका विरोध करेंगी और दंगा जरूर भड़काएँगी, हम सभी जानते हैं कि दंगे-फसाद से कभी किसी का हित नही होता अतः हमें ऐसे समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए जब उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य अधिकतर राज्यों मे ऐसी सरकार हो जो सत्य का साथ दे सके तथा विरोधी ताकतें कमजोर हों....कुल मिलाकर हमें हमारी इस सरकार को आगे भी पाँच सालों के लिए लाना होगा, हिंदू विरोधी ताकतों ने हमारे देश में ६०-६५ सालों में अपने पैर मजबूती से जमा लिये हैं पहले उनके पैर उखाड़ने जरूरी हैं अन्यथा क्या होगा नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना होगा और फिर सदियों के लिए भ्रष्ट और हिंदू विरोधी सरकार को सहते रहना होगा....इसलिए मैं अपने राम भक्त बंधुओं से यही कहना चाहूँगी कि भक्ति और हौसला बढ़ाने हेतु #टैग अवश्य करें पर ये ध्यान रखें कि सेक्युलरों को उसमें से कहीं भी तनिक भी मोदी विरोधी गंध न मिले....

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